'वन्देमातरम्' की कहानी (भाग -1)

वन्देमातरम् संभवतः इसलिए इतना लोकप्रिय हुआ क्योकि जननी जन्मभूमि की धारणा देश के अवचेतन में हमेशा से ही थी बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने उसे समय के एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर काव्यिक अभिव्यक्ति दी


संघ बनाम भारत माता” हमारे संविधान के अनुच्छेद 1.1. के अनुसार “भारत, अर्थात इंडिया, एक राज्यों का संघ होगा' भारत के इस संघीय परिभाषा से किसी को शिकायक नहीं होनी चाहिए, क्योकि संघीय ढांचा के अभाव से भी घोर राजनैतिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती है जैसा हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका में हुआ था परन्तु इसे ही भारत का मौलिक परिचय मान लेना अनुचित होगा भारत का मानस स्वरुप और संवैधानिक परिभाषा के बीच एक खाई दिखाई देती है एक साधारण भारतीय, सीमा पर चौकसी करता सैनिक, एक देश भक्त “भारत माता की जय” बोलता है ऐसा लगता है कि यह भावना उसके अंतर्मन में बसी हुई है ।वह स्वतः ही भारत को माता मानता है, और यह ही भारत का मूल परिचय है हाल ही में जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में देश के बिखंडन के समर्थन में नारे गूंजे परन्तु इस में कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए, क्योंकि संविधान के इस जोड़-तोड़ वाले परिभाषा में ही पृथकतावादी प्रवृत्तियों को प्रश्रय मिल सकता हैं अगर भारत को हम केवल एक यूनियन (संघ) मानेंगे तो अगला कदम ‘डिस-यूनियन' (विखंडन) होना अस्वाभाविक नहीं परन्तु क्या भारत केवल क्या उसके प्रान्तों का ही एक समूह है (sum of its parts) या भारत की एक मानस और सनातन सत्ता भी है?


 


नेहरु और भारत माता” जवाहरलाल नेहरु भारत के विविधता-में-एकता के बहुत बड़े प्रवक्ता थे परन्तु उनकी मानसिकता ‘भारत माता' की नहीं थी उनकी पुस्तक 'डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया' (भारत की खोज) से अध्याय 3 मैं एक प्रसंग आता है कि वे जब किसी जनसभा में भाषण देने के लिए पहुँचते थे, तो लोग जोर से 'भारत माता की जय' का नारा लगाते थे इस पर वे उनसे पूछते थे कि भारत माता क्या हैं, कौन हैं जिनका वे जयकारा लगा रहे हैं? मतलब नेहरु अपनी पांडित्य प्रदर्शन का कोई भी अवसर छोड़ते नहीं थे ज्यादातर लोग इस प्रश्न का कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाते थेअंत में एक गाँव के एक जनसभा में हटे-कट्टे जाट ने कुछ मिटटी ज़मीं से उठाकर नेहरु से कहा -“यह है भारत माता, भारत की धरती” नेहरु फिर उन्हें पुछते थे, इस गाँव की धरती, पुरे जिला या सूबे की धरती, या पुरे देश की धरती “ फिर नेहरु खुद ही कहते थे भारत माता का अर्थ है भारत की करोड़ो जनता, और हम सभी भारत माता के हिस्से है